रंगों का गीत
रंग बिरंगे इस जीवन में
कुछ रंग फीके-कुछ रंग गहरे।
कुछ रंग आवारा बादल से
कुछ रंगों पर बैठे पहरे।
बचपन में भोलेपन का रंग
यौवन में जोशीले रंग थे,
प्रौढ़ हुए बेबस रंग छलके
रंग बुढ़ापे में बेढंग थे,
कुछ रंगों ने आँखे खोलीं
कुछ रंगों से हो गए बहरे।
कुछ रंग आवारा बादल से
कुछ रंगों पर बैठे पहरे।
किस्मत ने मेरे आँगन में
रंग-रंग के रंग दिखाये,
कुछ रंगों ने आँख तरेरी
कुछ रंगों ने अंग सजाए,
कुछ रंगों ने जल्दी कर दी
कुछ रंग अंत समय तक ठहरे।
कुछ रंग आवारा बादल से
कुछ रंगों पर बैठे पहरे।
कर्म भूमि की इस दुनियाँ में
श्रम तो सबको करना होगा,
प्रभु तो सिर्फ लकीरें देता
रंग हमें ही भरना होगा,
जीवन के रूठे पन्नों में
भरने होंगे रंग सुनहरे।
कुछ रंग आवारा बादल से
कुछ रंगों पर बैठे पहरे।
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