ऐ मेरे प्यारे हिन्द वतन (देश भक्ति गीत)

हर गीत तुझे अर्पित मेरा ऐ मेरे प्यारे हिन्द वतन।
सांसे तेरी जीवन तेरा तुझ पर निसार यह तन मन धन।।

वो वीर लड़ाकू सैनिक जो
सीमा पर तन कर बैठे हैं।
अपने दुश्मन को धूल चटा देंगे
ये प्रण कर बैठे हैं।
ऐ वीरो तुम बेफिक्र रहो
अपने-अपने परिवारों से,
हम सभी तुम्हारे घर जैसे
हैं, घर के पहरेदारों से।
तुम रखो सुरक्षित सीमाएँ हम रखें सुरक्षित यह आँगन....

संघर्षों से आज़ाद हुए
मुश्किल से हमको मिला वतन,
अक्षुण्य रहे इसकी संस्कृति
अक्षुण्य रहे इसका यौवन,
अपने हर इक संसाधन से
हम नित्य प्रगति का मार्ग गढ़ें
अपनी मेहनत-मेधा के दम पर
उन्नति के सोपान चढ़ें,
हमको स्वदेश की चीजों का जग में करना है विज्ञापन....

हर बेटी यहाँ बने शिक्षित
हर नारी यहाँ सुरक्षित हो
और एक-एक भारत का बालक
संस्कारो से दक्षित हो,
संकल्प करें इस देव भूमि पर
कोई ना वृद्धाश्रम दीखे।
हम इतने अच्छे बनें हमारी
संस्कृति से दुनिया सीखे।
हम जिसके रंग बिरंगे गुल वो अपना भारत है उपवन....

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